विटामिन डी की कमी के लक्षण दूर करें! पाएं 10 धूप जैसे फायदे | टेस्ट, फूड्स और डोज | Beat Vitamin D Deficiency, Get These 10 Amazing Benefits

विटामिन डी: धूप से भरपूर स्वास्थ्य लाभ

कभी-कभी बिना किसी स्पष्ट कारण के हम थका हुआ महसूस करते हैं, या फिर हड्डियों में दर्द और कमजोरी सी रहती है। क्या आपको पता है कि इसका कारण सूर्य की रोशनी की कमी भी हो सकती है! विटामिन डी, जिसे “सूर्य का विटामिन” भी कहा जाता है, सिर्फ मजबूत हड्डियों के निर्माण के लिए ही नहीं बल्कि हमारे लिए और भी बहुत फायदेमंद है। यह जरूरी पोषक तत्व हमारे पूरे स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, हमारे मूड से लेकर हृदय रोग के खतरे को कम करने तक इसकी भूमिका है। इस लेख में, हम विटामिन डी की छिपी हुई ताकत और इसे पर्याप्त मात्रा में प्राप्त करने के तरीकों पर गौर करेंगे, ताकि आपका शरीर भीतर से ही दमकता रहे।

विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत: सूर्य की रोशनी

विटामिन डी का सबसे प्राकृतिक और बेहतरीन स्रोत सूर्य की रोशनी है। सूर्य की किरणों में से अल्ट्रावायलेट बी (यूवीबी) किरणें हमारी त्वचा पर पड़ने पर शरीर में विटामिन डी का निर्माण करती हैं। सुबह के समय 10 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच लगभग 15-20 मिनट बिना सनस्क्रीन लगाए धूप में बैठना विटामिन डी प्राप्त करने का सबसे अच्छा तरीका है। हालांकि, धूप में निकलते समय यह भी ध्यान रखना चाहिए कि ज्यादा देर तक धूप में रहना त्वचा के लिए हानिकारक हो सकता है।

विशेषज्ञों के अनुसार, विटामिन डी की मात्रा जो शरीर बनता है वो त्वचा के रंग, मौसम और दिन के समय के आधार पर बदलती रहती है। गहरे रंग की त्वचा वाले लोगों को विटामिन डी बनाने में ज्यादा समय लग सकता है। इसके अलावा, सर्दियों के महीनों में या प्रदूषण अधिक होने पर सूर्य की किरणों से कम विटामिन डी का निर्माण होता है।

आहार से विटामिन डी प्राप्त करना

कुछ खाद्य पदार्थों में भी थोड़ी मात्रा में विटामिन डी पाया जाता है। इनका सेवन विटामिन डी के स्तर को बनाए रखने में सहायक हो सकता है, लेकिन सिर्फ आहार से ही शरीर की पूरी जरूरत को पूरा करना मुश्किल है। विटामिन डी से भरपूर आहार स्रोतों में शामिल हैं:

  • वसायुक्त मछली: सalmन, मैकेरल, टूना जैसी वसायुक्त मछलियों में विटामिन डी3 (Vitamin D3) पाया जाता है, जो शरीर के लिए सबसे उपयोगी रूप है।
  • अंडे की जर्दी: अंडे की जर्दी में भी थोड़ी मात्रा में विटामिन डी पाया जाता है।
  • दूध डेयरी उत्पाद: दूध, दही और पनीर जैसे डेयरी उत्पादों को विटामिन डी के साथ फोर्टिफाइड किया जा सकता है। पैकेजिंग को ध्यान से देखकर फोर्टिफाइड उत्पादों की पहचान की जा सकती है।
  • मशरूम: कुछ प्रकार के मशरूम, विशेष रूप से पराड़ (portobello) मशरूम, विटामिन डी2 (Vitamin D2) के स्रोत होते हैं। हालांकि, विटामिन डी3 की तुलना में शरीर विटामिन डी2 को उतनी आसानी से अवशोषित नहीं कर पाता।

विटामिन डी के फायदे

विटामिन डी हमारे शरीर के लिए कई तरह से लाभदायक है, जिनमें शामिल हैं:

  • हड्डियों का मजबूत होना: विटामिन डी कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है, जो मजबूत हड्डियों के निर्माण के लिए जरूरी है। विटामिन डी की कमी से बच्चों में रिकेट्स और वयस्कों में ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ सकता है।
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि: विटामिन डी हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत कर संक्रमणों से बचाने में मदद करता है। शोध बताते हैं कि विटामिन डी की कमी से स्वाइन फ्लू और श्वसन संक्रमणों का खतरा बढ़ सकता है।
  • मांसपेशियों का स्वास्थ्य: विटामिन डी मांसपेशियों के कार्य और ताकत को बनाए रखने में मदद करता है। विटामिन डी की कमी मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी का कारण बन सकती है।
  • मनोदशा में सुधार: कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि विटamin डी का पर्याप्त स्तर डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। विटामिन डी की कमी से सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD) का खतरा भी बढ़ सकता है।
  • हृदय स्वास्थ्य: शोध बताते हैं कि विटामिन डी का निम्न स्तर हृदय रोग के खतरा को बढ़ा सकता है। विटामिन डी रक्तचाप को नियंत्रित करने और सूजन को कम करने में भी भूमिका निभा सकता है।
  • कैंसर का खतरा कम होना: कुछ अध्ययनों में यह पाया गया है कि विटामिन डी का पर्याप्त स्तर कुछ प्रकार के कैंसर, जैसे कोलोरेक्टल कैंसर और स्तन कैंसर के खतरे को कम कर सकता है। हालांकि, इस संबंध में और अधिक शोध की आवश्यकता है।
  • ** गर्भावस्था:** गर्भवती महिलाओं के लिए विटामिन डी का पर्याप्त स्तर होना महत्वपूर्ण है। यह हड्डियों के विकास में भ्रूण की मदद करता है और मां के स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है।

विटामिन डी की कमी के लक्षण

  • विटामिन डी की कमी के लक्षण हमेशा स्पष्ट नहीं होते हैं, लेकिन कुछ सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:
  • थकान और कमजोरी
  • लगातार हड्डी या मांसपेशियों में दर्द
  • घाव भरने में परेशानी
  • हड्डियों का कमजोर होना (बच्चों में रिकेट्स और वयस्कों में ऑस्टियोपोरोसिस)
  • डिप्रेशन
  • यदि आपको विटामिन डी की कमी के बारे में कोई चिंता है, तो अपने डॉक्टर से बात करें। वे रक्त परीक्षण के माध्यम से आपके विटामिन डी के स्तर की जांच कर सकते हैं और आवश्यकतानुसार पूरक आहार تجویز (tajwiz) कर सकते हैं।

विटामिन डी की मात्रा

  • विटामिन डी की दैनिक आवश्यकता उम्र पर निर्भर करती है।
  • वयस्कों (19-50 वर्ष) के लिए दैनिक विटामिन डी की अनुशंसित मात्रा 400-800 IU (इंटरनेशनल यूनिट) है।
  • 50 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों और बच्चों के लिए 600 IU दैनिक खुराक की सिफारिश की जाती है।
  • गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को विटामिन डी की थोड़ी अधिक मात्रा की आवश्यकता हो सकती है। अपने लिए सही मात्रा निर्धारित करने के लिए डॉक्टर से परामर्श करें।

विटामिन डी सूर्य के प्रकाश और कुछ खाद्य पदार्थों से प्राप्त किया जा सकता है। यह हमारे समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। संतुलित आहार, सूर्य के संपर्क (sampर्क) और डॉक्टर की सलाह पर विटामिन डी की खुराक लेकर आप अपने शरीर में विटामिन डी के पर्याप्त स्तर को बनाए रख सकते हैं।


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