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सर्वाइकल कैंसर: आज की जीवनशैली में बढ़ता खतरा और बचाव के उपाय | Cervical Cancer: Increasing Risk in Today’s Lifestyle and Prevention Tips

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सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer), जिसे गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर भी कहा जाता है, महिलाओं में होने वाला एक गंभीर कैंसर है। यह गर्भाशय के निचले हिस्से में विकसित होता है, जिसे Cervix कहा जाता है। वर्तमान समय में, बदलती जीवनशैली और स्वास्थ्य संबंधी लापरवाहियों के कारण सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ता जा रहा है। इस लेख में हम सर्वाइकल कैंसर के कारण, लक्षण, और बचाव के उपायों पर चर्चा करेंगे, ताकि महिलाएं इस घातक बीमारी से बच सकें और स्वस्थ जीवन जी सकें। cervical cancer image image credit: cancer.gov

सर्वाइकल कैंसर क्या है? what is Cervical cancer?

Cervical Cancer तब होता है जब गर्भाशय(Uterus) के ग्रीवा क्षेत्र की कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि होती है और वे कैंसरस कोशिकाओं में बदल जाती हैं। ये कैंसरस कोशिकाएं धीरे-धीरे फैलती हैं और शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित कर सकती हैं। अगर समय पर इसका इलाज नहीं किया जाता, तो यह जानलेवा साबित हो सकता है।

आज की जीवनशैली और सर्वाइकल कैंसर का खतरा (Increasing Risk in Today’s Lifestyle)

आज के आधुनिक समय में हमारी जीवनशैली काफी बदल चुकी है। जहां एक ओर हम सुविधाजनक जीवन जी रहे हैं, वहीं दूसरी ओर हमारी स्वास्थ्य संबंधी आदतें बिगड़ती जा रही हैं। इन बदलावों ने महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के खतरे को बढ़ावा दिया है।

1. धूम्रपान और तंबाकू का सेवन:

धूम्रपान करने वाली महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा अधिक होता है। तंबाकू के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, जिससे शरीर को वायरस और कैंसर से लड़ने में कठिनाई होती है।

2. अस्वस्थ आहार:

फास्ट फूड, अधिक मात्रा में वसा और शक्कर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से शरीर में सूजन बढ़ती है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ता है। हरी सब्जियां, फल और पौष्टिक भोजन से दूर रहने वाली महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की संभावना बढ़ जाती है।

3. शारीरिक गतिविधि की कमी:

आधुनिक जीवनशैली में बैठे रहने की प्रवृत्ति बढ़ रही है। शारीरिक गतिविधि की कमी से मोटापा और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं, जो कैंसर के खतरे को बढ़ा देती हैं। नियमित व्यायाम न करने से इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है, जिससे सर्वाइकल कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।

4. कई यौन साथी:

आज की जीवनशैली में असुरक्षित यौन संबंध और कई यौन साथी रखने का प्रचलन बढ़ गया है। यह स्थिति ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) के संक्रमण का खतरा बढ़ा देती है, जो सर्वाइकल कैंसर का प्रमुख कारण है।

सर्वाइकल कैंसर के प्रमुख कारण (Main causes of Cervical Cancer)

सर्वाइकल कैंसर के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन इनमें से कुछ प्रमुख हैं: causes of cervical cancer

1. ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV):

HPV संक्रमण सर्वाइकल कैंसर का सबसे प्रमुख कारण है। यह वायरस यौन संपर्क के माध्यम से फैलता है। HPV के कुछ प्रकार गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में बदलाव करते हैं, जो समय के साथ कैंसर का रूप ले सकते हैं।

2. अनुवांशिक कारक(Genetic factors):

जिन महिलाओं के परिवार में सर्वाइकल कैंसर का इतिहास रहा है, उनमें इसके होने की संभावना अधिक होती है। आनुवंशिक कारणों के चलते शरीर में कैंसर की कोशिकाएं तेजी से विकसित हो सकती हैं।

3. कम उम्र में यौन संबंध:

बहुत कम उम्र में यौन संबंध बनाने से शरीर का इम्यून सिस्टम पूरी तरह से विकसित नहीं होता और HPV संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, जिससे सर्वाइकल कैंसर होने की संभावना अधिक होती है।

4. दीर्घकालिक गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग:

लंबे समय तक गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग करने से महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन हो सकता है, जो कैंसर के विकास में सहायक हो सकता है।

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण (symptoms of Cervical Cancer)

सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती चरणों में कोई विशेष लक्षण नहीं दिखते, लेकिन जब यह बीमारी बढ़ने लगती है, तो कुछ सामान्य लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे: symptoms of cervical cancer

  • मासिक धर्म(periods) के बीच अनियमित रक्तस्राव
  • यौन संबंध के बाद रक्तस्राव
  • योनि से असामान्य स्राव (जो दुर्गंधयुक्त या रंग बदल सकता है)
  • यौन संबंध के दौरान दर्द
  • श्रोणि क्षेत्र में दर्द
  • अत्यधिक थकान, वजन कम होना, और भूख न लगना

सर्वाइकल कैंसर से बचाव के उपाय (Prevent from Cervical Cancer)

सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए कुछ प्रमुख उपाय किए जा सकते हैं, जो महिलाओं को इस घातक बीमारी से सुरक्षित रख सकते हैं: Measures to prevent cervical cancer

1. HPV वैक्सीन:

HPV वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है। यह वैक्सीन महिलाओं को HPV संक्रमण से बचाती है, जो सर्वाइकल कैंसर का प्रमुख कारण होता है। यह वैक्सीन आमतौर पर 9 से 26 वर्ष की उम्र के बीच दी जाती है, लेकिन बड़ी उम्र में भी इसे लेने से लाभ हो सकता है।

2. नियमित स्क्रीनिंग:

पैप स्मीयर टेस्ट और HPV टेस्ट महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती संकेतों की पहचान करने में मदद करते हैं। नियमित रूप से ये परीक्षण कराने से समय पर कैंसर का पता लगाया जा सकता है और इसका इलाज आसानी से किया जा सकता है।

3. सुरक्षित यौन संबंध:

सर्वाइकल कैंसर के खतरे को कम करने के लिए सुरक्षित यौन संबंध बनाना बेहद जरूरी है। कंडोम का उपयोग करें और यौन साथी की संख्या को सीमित रखें, ताकि HPV संक्रमण का खतरा कम हो सके।

4. धूम्रपान और तंबाकू से दूरी:

धूम्रपान और तंबाकू का सेवन सर्वाइकल कैंसर के खतरे को बढ़ाता है। धूम्रपान छोड़ने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, जिससे कैंसर से लड़ने में मदद मिलती है।

5. संतुलित आहार और नियमित व्यायाम:

हरी सब्जियां, फल, और पौष्टिक आहार का सेवन करने से शरीर की इम्यूनिटी मजबूत होती है और कैंसर से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। साथ ही, नियमित व्यायाम शरीर को स्वस्थ रखता है और मोटापे से बचाता है, जो सर्वाइकल कैंसर के खतरे को कम करता है।

सर्वाइकल कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन अगर सही समय पर इसका निदान और इलाज किया जाए, तो इसे रोका जा सकता है। आज की बदलती जीवनशैली में इसके खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, इसलिए महिलाओं को अपनी स्वास्थ्य आदतों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। नियमित स्क्रीनिंग, HPV वैक्सीन, और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर सर्वाइकल कैंसर से बचाव किया जा सकता है। जागरूकता और समय पर सावधानी बरतकर इस घातक बीमारी से खुद को सुरक्षित रखा जा सकता है।

Prevention is better than cure

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